बीएड नवनियुक्त प्राथमिक शिक्षक लैब में सहायक शिक्षक के पद पर किए जा सकते हैं एडजस्ट –

By: PANKAJ YADAV

On: January 1, 2025

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विशेषज्ञों कहा दूसरे पद पर रखे जा सकते है।

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क्या है पूरा मामला…


बस्तर व सरगुजा संभाग में 6285 पदों पर सहायक शिक्षक भर्ती के लिए 4 मई 2023 को नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसमें शैक्षणिक योग्यता बीएड व डीएलएड दोनों थी। जून 2023 में व्यापमं से भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। जुलाई 2023 को रिजल्ट आया। इस बीच अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया, इसमें शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते एनसीटीई 2018 के गजट रद्द किया। इस निर्णय के आधार डीएलएड के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट बिलासपुर में मामला दायर किया। रिजल्ट के आधार पर भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग दस्तावेज सत्यापन व काउंसिलिंग शुरू की गई। हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद बीएड वालों को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। इसके बाद बीएड वाले सुप्रीम कोर्ट गए। वहां से अंतरिम राहत मिली, सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी उल्लेख किया कि यह भर्ती हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहेगी। इसके बाद बीएड के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई और करीब 2900 को नियुक्ति दी गई। इसके आधार पर इन्होंने कई महीने नौकरी की। फिर अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट बिलासपुर का फैसला आया और बीएड के अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कही गई। इस निर्णय को लेकर मामला फिर सुप्रीम कोर्ट गया। 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। इसके बाद डीएलएड के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट बिलासपुर में अवमानना का केस दायर किया। इसकी सुनवाई 10 दिसंबर 2024 को हुई। इसमें दो सप्ताह के भीतर निर्देश का पालन करने का आदेश दिया गया।

कोर्ट के आदेश के परिपालन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग से पत्र जारी हुआ है। इसके अनुसार बीएड डिग्रीधारी करीब 2900 सहायक शिक्षकों की नौकरी जाएगी, उन्हें हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। इससे इनके परिवारों के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है।

अब यह सवाल उठ रहे हैं कि बीएड डिग्रीधारियों को इस मुसीबत बचाने के लिए क्या-क्या विकल्प हैं। इसे लेकर भास्कर ने पड़ताल की। इसमें यह बात सामने आई कि सरकार चाहे तो इन्हें सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के रूप में कर एडजस्ट सकती है। क्योंकि, इसमें न्यूनतम योग्यता बारहवीं है। बीएड-डीएलएड की जरूरत नहीं है। वेतनमान भी समान है और इसके प्रदेश में करीब चार हजार से अधिक पद खाली है। पड़ताल में यह भी बात सामने आई कि इस मामले में बीएड डिग्रीधारियों के पास लीगल रास्ते बंद हो चुके हैं।

कई  अभ्यर्थी सरकारी नौकरी छोड़कर सहायक शिक्षक बने थे



बीएड डिग्रीधारी जिनकी नौकरी वर्ग-2 यानी मिडिल स्कूल के शिक्षक के लिए लगी थी, लेकिन इन्होंने वर्ग-3 यानी सहायक शिक्षक का चयन किया। क्योंकि वे घर के पास रहकर नौकरी करना चाहते थे। इसी तरह कुछ युवाओं ने रेलवे व कुछ ने अन्य सरकारी नौकरी भी छोड़ी। अब सहायक शिक्षक की नौकरी जाने का खतरा मंडराने से वे तनाव में है, अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। सोमवार, 30 दिसंबर को छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र भेजा गया। इसमें हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश जारी किया गया है। इसे लेकर माना जा रहा है कि कुछ दिनों में इन्हें सहायक शिक्षक के पद से हटाने के आदेश जारी हो सकते हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग से जब वैकेंसी निकली थी, तब इसमें शैक्षणिक योग्यता बीएड या डीएलएड मांगी गई थी, अब विभाग में कहीं समायोजित किया जाना चाहिए।

सरकार के सामने यह समस्या है कि वे सहायक शिक्षक के पद पर बीएड वालों को नहीं रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग से जब वैकेंसी निकली थी, तब इसमें शैक्षणिक योग्यता बीएड या डीएलएड मांगी गई थी। व्यापमं से परीक्षा हुई। इसके आधार पर वे चयनित हुए। तो इसमें बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों की गलती नहीं है। ऐसी स्थिति में बीएड वालों को भी शिक्षा विभाग में कहीं समायोजित किया जाना चाहिए।

सोर्स दैनिक भास्कर एवम अन्य

PANKAJ YADAV

Pankaj Yadav is a passionate educator and digital content creator, dedicated to empowering students and job aspirants through reliable information and resources. As the founder of CG Education Hub, he consistently delivers quality updates on government jobs, exams, and educational content tailored for Chhattisgarh youth. With a focus on accuracy and relevance, Pankaj aims to bridge the gap between opportunity and ambition in the competitive world of education and employment.

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