cg bed vs deled 2023-25: सहायक शिक्षकों की नियुक्ति मामले में कैविएट दायर, डीएलएड अभ्यर्थियों ने दायर की कैविएट

By: PANKAJ YADAV

On: January 6, 2025

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cg bed vs deled

cg bed vs deled High court News: डीएलएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में कैविएट दायर किया है। दरअसल उच्च न्यायालय ने बीएड अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पद के लिए अपात्र मानते हुए केवल डीएलएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी को.सहायक शिक्षक के पद के लिए पात्र माना हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने बीएड उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर उनकी जगह डीएलएड योग्यता वाले अभ्यर्थी को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु संशोधित चयन सूची बना कर 6 सप्ताह में नियुक्ति देने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ दायर याचिका में भी बीएड अभ्यर्थियों को सर्वोच्च न्यायालय से भी अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिला। उच्च न्यायालय के आदेश पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका लगाई गई, जिससे नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया l इसी दौरान 30 दिसंबर 2024 राज्य शासन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए Bed उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को सेवा से हटाने का आदेश दिया है। उनकी जगह डीएलएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति मेरिट अनुसार करने का निर्देश जारी किया और दावा आपत्ति के लिए 7 दिन का समय दिया है। डीएलएड उत्तीर्ण मुख्य प्रकरण के याचिकाकर्ता विकास कौशिक और अन्य ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से कैविएट दायर किया है। इसके तहत यदि Bed अभ्यर्थियों द्वारा उक्त आदेश के विरुद्ध रोक लगाने हेतु याचिका पेश की जाती हैं तो उनका पक्ष सुनवाई किए बिना किसी प्रकार का अंतरिम आदेश जारी नहीं किए जाये।

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क्या है पूरा मामला ?

बिलासपुर। cg bed vs deled एक बार फिर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट के फैसले और कड़े निर्देश के बाद राज्य शासन ने प्राइमरी स्कूलों में पदस्थ बीएड डिग्रीधारकों की सेवा समाप्ति का आदेश निकालना जारी कर दिया है। बस्तर और सरगुजा संभाग के डीईओ द्वारा आदेश निकालना प्रारंभ कर दिया गया है। इस बीच डीएलएड अभ्यर्थी व पूर्व में दायर याचिका के मुख्य याचिकाकर्ता विकास कौशिक ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में केविएट दायर कर दिया है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारक सहायक शिक्षकों को प्राइमरी स्कूल के लिए अपात्र मानते हुए डीएलएड डिप्लोमाधारक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पद पर पात्र माना है और प्राइमरी स्कूलों में बतौर सहायक शिक्षक नियुक्ति देने का निर्देश राज्य शासन को दिया है। डीएलएड योग्यता वाले अभ्यर्थी को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु संशोधित चयन सूची बना कर 6 सप्ताह में नियुक्ति देने के निर्देश 2.4.2024 को दिया गया था।

बीएड डिग्रीधारकों को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत

cg bed vs deled-छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और निर्देश के बाद भी राज्य शासन द्वारा जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तब डीएलएड डिप्लोमाधारकों ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना के आरोप में अवमानना याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर आदेश का परिपालन करने का निर्देश दिया

अब शुरू हुई प्रक्रिया, दावा आपत्ति के मिला सात दिन का समय

cg bed vs deled मामले में बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को डीईओ कार्यालय से बर्खास्तगी आदेश जारी करने के साथ ही दावा आपत्ति के लिए सात दिन का समय दिया गया है। याचिकाकर्ता ने इन्हीं सब बातों का हवाला देते हुए केविएट दायर किया है। केविएटर का कहना है कि बीएड डिग्रीधारकों द्वारा डीईओ के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की जाती है तो ऐसी स्थिति में किसी प्रकार का अंतरिम आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष सुनने की मांग की है।इसके साथ ही, बीएड डिग्रीधारकों को यह अवसर दिया गया है कि वे अपने दावे और आपत्ति को नियत समय के भीतर प्रस्तुत कर सकें। यह प्रक्रिया शासन द्वारा पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का एक प्रयास है।

cg bed vs deled विवाद का प्रभाव

cg bed vs deled मामला छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। वहीं, यह विवाद न केवल नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अभ्यर्थियों के भविष्य पर भी गहरा असर डाल रहा है। शिक्षा नीति और भर्ती प्रक्रिया में cg bed vs deled विवाद ने नीति निर्माताओं और शासन को भी एक स्पष्ट संदेश दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यह विवाद आने वाले वर्षों में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में प्रेरणा का काम कर सकता है।

निष्कर्ष

cg bed vs deled मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए राहतभरा साबित हुआ है, जबकि बीएड डिग्रीधारकों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर रहा है। राज्य शासन और न्यायालय के निर्देशों का पालन शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और योग्यता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है। आने वाले दिनों में इस cg bed vs deled विवाद के और नए आयाम सामने आ सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में यह विवाद न केवल राज्य के स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई बहस को जन्म दे सकता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए शिक्षा और भर्ती प्रक्रिया में स्पष्टता और समानता हो

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PANKAJ YADAV

Pankaj Yadav is a passionate educator and digital content creator, dedicated to empowering students and job aspirants through reliable information and resources. As the founder of CG Education Hub, he consistently delivers quality updates on government jobs, exams, and educational content tailored for Chhattisgarh youth. With a focus on accuracy and relevance, Pankaj aims to bridge the gap between opportunity and ambition in the competitive world of education and employment.

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