
रायपुर, 27 मई 2025 | Rationalisation Updates : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ में ‘सुशासन तिहार’ के तहत आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया युक्तियुक्तकरण का निर्णय छात्रों के हित में है और इसका उद्देश्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में प्रदेश में शिक्षकों की पदस्थापना असंतुलित है—कुछ स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं अपेक्षा से अधिक शिक्षक तैनात हैं।उन्होंने बताया कि कई मैदानी इलाकों में ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्रों की तुलना में अधिक शिक्षक हैं, जबकि कुछ स्कूल पूरी तरह से शिक्षकविहीन हैं। कुछ परिसरों में दो से तीन प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जबकि छात्र संख्या नगण्य है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि सभी स्कूलों में संतुलन बनाए रखने के लिए शिक्षकों का पुनर्वितरण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि युक्तियुक्तकरण के कारण स्कूल बंद हो रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि एक ही परिसर में स्थित और कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के तहत शहरी क्षेत्रों में छात्रों को 500 मीटर से अधिक दूर स्कूल नहीं जाना पड़ेगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा एक किलोमीटर निर्धारित की गई है।शिक्षक भर्ती पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युक्तियुक्तकरण का मतलब यह नहीं है कि भर्ती नहीं होगी। राज्य सरकार नियमित रूप से शिक्षकों की भर्ती करेगी और हर वर्ष रिक्तियों को चरणबद्ध रूप से भरा जाएगा। भर्ती प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है और स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि यह निर्णय पूरी तरह से बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे न केवल शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
गौरतलब है कि राज्य शिक्षा विभाग ने 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें ई-संवर्ग की 5,849 और टी-संवर्ग की 4,614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है, जिसका मकसद शिक्षकों की उपलब्धता को संतुलित और प्रभावी बनाना है।इस प्रक्रिया के तहत एक ही परिसर में संचालित 10,297 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में एक किलोमीटर और शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर की सीमा में आने वाले क्रमशः 133 और 33 विद्यालयों को भी इसमें शामिल किया गया है। इस पहल से अब एकल शिक्षकीय और शिक्षकविहीन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति संभव होगी।